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September 12, 2017

अगर WHO के मानकों का किया पालन तो 4 साल अधिक जीवित रह सकते हैं भारतीय

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अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अगर दिल्ली में WHO के मानकों का पालन किया जाता है तो यहां के लोग नौ साल ज्यादा जीवित रह सकते हैं और अगर ये देश के मानकों का पालन करें तो छह साल ज्यादा जीवित रह सकते हैं। वहीं कोलकाता और मुंबई के लोग 3.5 साल ज्यादा जीवित रह सकते हैं। बता दें कि 2014 और 2015 में दिल्ली दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर में से एक था। WHO मानकों के अनुसार Particulate matter(PM) के स्तर को स्वीकार कर लिया जाए।

रिपोर्ट के मुताबिक, WHO का कहना है, वार्षिक एवरेज Particulate matter (PM 10) के स्तर को 70 से 20 µg/m3 से कम करने से वायु प्रदूषण से संबंधित मौतों में लगभग 15 प्रतिशत की कमी आ सकती है। सितंबर 2016 WHO के आंकड़ों के अनुसार, PM2.5 के लिए वार्षिक पैमाना 10 µg/m3 और PM10 के लिए 20 µg/m3 तय किया गया। देश में नेशनल गाउइड लाइंस ने PM2.5 के लिए वार्षिक पैमाना 40 µg/m3 और PM10 के लिए 60 µg/m3 तय किया।

AQLI की रिपोर्ट के मुताबिक, यदि राष्ट्रीय मानकों के साथ देश में प्रदूषण घटाने का अनुपालन हो तो हर भारतीय औसतन एक साल ज्यादा जिंदा रहेगा। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, भारत में पुरुषों का औसन जीवन 67.3 है और महिलाओं का 69.6 है।

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ईपीआईसी इंडिया के डायरेक्टर अनंत सुदर्शन ने कहा कि सरकारी स्तर पर वायु प्रदूषण की चर्चा स्वास्थ्य प्रभाव के संदर्भ में शायद ही कभी प्रेरित होती है। उन्होंने कहा कि लोगों को समझाया नहीं गया है कि आखिर क्यों हमें मानक का पालन करने की आवश्यकता है। सरकार को स्वास्थ्य की भाषा बोलने की ज़रूरत है। साथ ही लोगों को समझाएं कि मानक को पूरा न करने का मतलब कम साल जिंदा रहना है।

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