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AQLI

परिचय

द एर क्वालिटी लाइफ़ इंडेक्स

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एयर क़्वालिटी लाइफ़ इंडेक्स (AQLI) वायु प्रदूषण के संकेंद्रण को जीवन संभाव्यता पर होने वाले उनके प्रभाव में बदल देता है। इससे आम जनता और नीति निर्माता जैसे लोग वायु प्रदूषण संबंधी नीतियों के लाभों को अस्तित्व में मौजूद संभवतः सबसे महत्वपूर्ण पैमाने – लंबा जीवनकाल – की कसौटी पर कस सकते हैं।

यूनिवर्सिटी औफ शिकागो स्थित एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट (EPIC) द्वारा तैयार किया गया एर क्वालिटी लाइफ़ इंडेक्स EPIC के निदेशक माइकल ग्रीनस्टोन द्वारा किए गए अग्रणी शोध पर आधारित है। इसमें मनुष्यों पर वायु प्रदूषण के एक्सपोजर और घटी जीवन संभाव्यता के बीच कार्य-कारण संबंध स्थापित किया गया है। इस विश्लेषण को प्रदूषण के अत्यंत स्थानीय मापों के परिणामों के साथ मिलाकर देखने पर पूरी दुनिया के समुदायों में वायु प्रदूषण की वास्तविक कीमत के बारे में बेमिसाल समझ हासिल होती है। संवादमूलक प्लेटफॉर्म के जरिए इसका उपयोग करने वाले सिर्फ यही नहीं जान सकते हैं कि उनका समुदाय कितना प्रदूषित है। वे यह भी जान सकते हैं कि अगर उनका समुदाय विश्व स्वास्थ्य संगठन के गाइडलाइन या राष्ट्रीय मानकों का पालन करता तो वे कितना अधिक जी सकते थे। इससे स्पष्ट हो जाता है कि जीवाश्म इंधन के उपयोग में कमी लाने वाली नीतियां आज लोगों को अधिक जीने और अधिक स्वस्थ रहकर जीने, तथा विनाशकारी जलवायु परिवर्तन का जोखिम घटाने की गुंजाइश उपलब्ध करा सकती हैं।

 ‘‘वायु प्रदूषण को मूर्त रूप में, जीवन संभाव्यता पर उसके प्रभाव में, बदलकर एर क्वालिटी लाइफ़ इंडेक्स इस बात को स्थापित करता है कि कणीय वायु प्रदूषण पूरी दुनिया में मानवों के स्वास्थ्य के लिए अकेला सबसे बड़ा खतरा है।’’ – माइकल ग्रीनस्टोन, EPIC


एक ख़ास दृष्टिकोण

अधिकांश लोगों के लिए कणीय वायु प्रदूषण के एक्सपोजर और उसके जोखिम के बारे में एकमात्र समझ एयर क्वालिटी इंडेक्स को लेकर है जिसमें हवा की दैनिक गुणवत्ता का मानकीय मूल्यांकन उपलब्ध कराने के लिए एक कलर-कोडेड प्रणाली का उपयोग किया जाता है। लेकिन ये रंग स्वास्थ्य संबंधी वास्तविक जोखिम का बहुत कम अहसास करा पाते हैं और अक्सर इनके साथ इकाइयों की माप (जैसे माइक्रोग्राम प्रदूषण प्रति घनमीटर) लिखी रहती है जिससे लगभग सभी व्यक्ति अपरिचित हैं। इस लिहाज से वायु गुणवत्ता जनित जीवन सूचकांक कणीय पदार्थों से होने वाले वायु प्रदूषण के द्वारा स्वास्थ्य पर उपस्थित जोखिमों को मापने और बताने के मामले में पूरी तरह से नई प्रगति है। इसलिए कि वायु गुणवत्ता जनित जीवन सूचकांक कणीय वायु प्रदूषण को अस्तित्व में मौजूद संभवतः सबसे महत्वपूर्ण पैमाने – जीवन संभाव्यता पर उनके प्रभाव – में बदल देता है।

एर क्वालिटी लाइफ़ इंडेक्स  की जड़ शिकागो विश्वविद्यालय के माइकल ग्रीनस्टोन सहित विद्वानों की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम द्वारा किए गए और सहकर्मियों द्वारा समीक्षित शोध में है जिसके द्वारा पहली बार मनुष्यों पर वायु प्रदूषण के दीर्घकालिक एक्सपोजर और जीवन संभाव्यता के बीच कार्य-कारण संबंध स्थापित किया गया है। यह सूचकांक इस शोध को कणीय पदार्थों के अत्यंत स्थानीयकृत वैश्विक मापों के साथ जोड़ता है। इस अद्वितीय दृष्टिकोण के कारण वायु गुणवत्ता जनित जीवन सूचकांक ऐसा पहला सूचकांक बन जाता है जो दर्शाता है कि दुनिया में कहीं भी किसी व्यक्ति के जीवन के लिए वायु प्रदूषण का क्या खतरा है। यह कणीय प्रदूषण संकेंद्रणों को विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन, हवा की गुणवत्ता के राष्ट्रीय मानकों, या उपयोग करने वालों के द्वारा तय स्तरों के अनुरूप लाने पर जीवन संभाव्यता में होने वाली वृद्धि के बारे में भी जानकारी दे सकता है।

खास कर एर क्वालिटी लाइफ़ इंडेक्स कई महत्वपूर्ण मामलों में इस क्षेत्र में किए गए अधिकांश कार्यों से बिल्कुल अलग है।

  1. AQLI का मूल शोधकार्य वर्तमान समय में एशिया के अनेक हिस्सों में मौजूद प्रदूषकों के अति उच्च संकेंद्रणों के आंकड़ों पर आधारित है। पहले के शोध कार्यों में संयुक्त राज्य अमेरिका (इसके बाद से सिर्फ अमेरिका) में मौजूद प्रदूषण के निम्न स्तर से प्राप्त सहचारी प्रमाण (एसोसिएशनल एविडेंस) के एक्स्ट्रापोलेशन या सिगरेट पीने पर किए गए अध्ययनों के एक्स्ट्रापोलेशन पर भरोसा किया गया है।
  2. AQLI के मूल शोध की कारणमूलक प्रकृति के चलते स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले अन्य कारकों से वायु प्रदूषण के प्रभाव को अलग करने की गुंजाइश बनती है। इसके विपरीत, स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण के प्रभावों का सारांश प्रस्तुत करने वाले पहले के प्रयासों में उन सहचारी (एसोसिएशनल) अध्ययनों पर भरोसा किया गया है जिनमें मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले अन्य निर्धारकों के साथ वायु प्रदूषण के प्रभावों के गड्डमड्ड हो जाने की आशंका रही है।
  3. AQLI के जरिए किसी औसत व्यक्ति के लिए जीवन संभाव्यता में कमी के आकलन प्रस्तुत किए जाते हैं। वहीं, अन्य दृष्टिकोणों में वायु प्रदूषण के कारण समय से पहले मरने वाले लोगों की संख्या बताई जाती है, जिससे यह प्रश्न अनुत्तरित रह जाता है कि उनकी जिंदगी कितनी घटी या उनकी स्थिति इसका प्रभाव झेलने के लिए पहले से ही अधिक अनुकूल (जैसे बुजुर्ग या बीमार) थी या नहीं।
  4. AQLI में अत्यंत स्थानीय स्तर के लिए उपग्रह से प्राप्त आंकड़ों का उपयोग किया जाता है। इससे पहले के अध्ययनों में काफी अधिक समूहित (ऍग्रीगेटेड) स्तरों पर जानकारी देने के बजाय किसी देश में या पूरी दुनिया में ऐसे किसी स्तर पर जीवन संभाव्यता पर होने वाले प्रभावों की जानकारी देना संभव हो जाता है।

हमारे अनुदान दाता

एयर क्वालिटी लाइफ़ इंडेक्स का कार्य निम्नलिखित व्यक्तियों और संस्थाओं के उदार समर्थन के माध्यम से संभव हुआ है:

डेविड एंड क्रिस्टीन ग्रॉस-लोह
एरिक एंड वेलोनिया ओई
द बेकर फ़्राइडमैन इंस्टिट्यूट
डोनाल्ड आर विल्सन जूनियर, यूनिवर्सिटी ऑफ़ शिकागो, AB ‘88

अध्ययनों पर एक नज़र डालें

चीन की हुआई नदी नीति से जीवन प्रत्याशा पर वायु प्रदूषण के निरंतर इक्स्पोज़र के प्रभाव पर नया सबूत

द्वारा : अव्राहम एबेंस्टीन, माओयोंग फान, माइकल ग्रीनस्टोन, गुओजुन हे, और माइगेंग झाउ। प्रोसीडिंग्स ऑफ द देशनल ऐकेडमी ऑफ साइंसेज में। इस आलेख में पाया गया है कि हवा में उत्पन्न कणीय पदार्थों (पीएम10) में 10 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर की वृद्धि होने से जीवन संभाव्यता में 0.64 वर्षों (95% CI: 0.21, 1.07) की कमी आती है। यह आकलन उत्पन्न होने वाले पीएम10 में चीन की हुआइ नदी नीति के कारण आए अर्ध-प्रयोगात्मक अंतर के आधार पर किया गया है। नीति के तहत शीत ऋतु में घर को गर्म रखने के लिए हुआइ नदी के उत्तर के शहरों में मुफ्त या भारी सब्सिडी पर कोयला उपलब्ध कराया जाता था जो नदी के दक्षिण में नहीं उपलब्ध कराया जाता था। निष्कर्ष हुआई नदी से दूरी पर आधारित रिग्रेशन डिस्कंटीन्यूइटी डिजाइन के जरिए निकाले गए हैं, और पैरामेट्रिक तथा नॉन-पैरामेट्रिक एस्टीमेशन मेथड्स, कर्नल के विभिन्न प्रकारों और बैंडवाइथ साइजेज, तथा जनसांख्यिक और व्यवहारमूलक कोवैरिएट्स के रिच सेट के एडजस्टमेंट के लिहाज से उपयुक्त हैं। साथ ही, जीवनकाल में कमी लगभग पूरी तरह से हृदय और श्वास जनित मृत्यु (कार्डियोरेस्पीरेटरी मोर्टलिटी) की बढ़ी दरों के कारण है, जो बताता है कि इसका मूल कारण पीएम10 है। आकलन दर्शाते हैं कि पूरे चीन में पीएम10 के मामले में उसके क्लास 1 मानक का पालन करने पर 3.7 अरब जीवन वर्ष बच सकेंगे।

चीन की हुआई नदी नीति से जीवन प्रत्याशा पर वायु प्रदूषण से निरंतर एक्सपोजर के प्रभाव का सबूत

इस आलेख के निष्कर्ष बताते हैं कि कुल निलंबित कणों (टीएसपी) के जरिए वायु प्रदूषण में भारी वृद्धि करने वाली स्वैच्छिक चीनी नीति उत्तरी चीन के 50 करोड़ निवासियों की जीवन संभाव्यता कुल 2.5 अरब जीवन से भी अधिक घटा रही है। अर्ध-प्रयोगात्मक अनुभवाश्रित दृष्टिकोण (क्वैसी-एक्सपेरिमेंटल एंपीरिकल अप्रोच) चीन की हुआई नदी नीति पर आधारित है जिसके तहत हुआइ नदी के उत्तर के शहरों में शीत ऋतु में घरों को गर्म करने के लिहाज से बॉलयर चलाने के लिए मुफ्त में कोयला देने का प्रावधान था लेकिन दक्षिण में कोयला नहीं दिया जाता था। हुआई नदी से दूरी पर आधारित रिग्रेशन डिस्कंटीन्यूइटी डिजाइन का उपयोग करके हम पाते हैं कि टीएसपी का व्यापक संकेंद्रण लगभग 184 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर [95% कंफीडेंस इंटर्वल (CI): 61, 307] है अर्थात उत्तर में 55 प्रतिशत अधिक है। साथ ही, परिणाम यह भी दर्शाते हैं कि उत्तर में जीवन संभाव्यता लगभग 5.5 वर्ष (95% CI: 0.8, 10.2) कम है जिसका कारण हृदय और श्वास जनित मृत्यु (कार्डियोरेस्पीरेटरी मोर्टलिटी) के बढ़े मामले हैं। अधिक सामान्य रूप में कहें, तो यह विश्लेषण दर्शाता है कि 100 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर अतिरिक्त टीएसपी के दीर्घकालिक एक्सपोजर का संबंध जन्मकालीन जीवन संभाव्यता में लगभग 3.0 वर्षों (95% CI: 0.4, 5.6) की कमी से है।

क्रियाविधि

AQLI की गणना कैसे की जाती है इसके बारे में और जानें

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रिपोर्ट

कणीय वायु प्रदूषण के बारे में बारह तथ्य

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