कोविड-19 के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती आई, लेकिन कणीय प्रदूषण इसके बाद भी ऊंचे स्तर पर ही रहा। साथ ही, स्वास्थ्य पर पड़ने वाले निम्न स्तरीय प्रदूषण के प्रभाव के संबंध में काफी प्रमाण मिलने पर, नए दिशानिर्देश जारी किये गए जिसके कारण दुनिया का अधिकांश हिस्सा असुरक्षित क्षेत्र के तहत आ गया।
कोविड-19 के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती आई, लेकिन कणीय प्रदूषण इसके बाद भी ऊंचे स्तर पर ही रहा। साथ ही, स्वास्थ्य पर पड़ने वाले निम्न स्तरीय प्रदूषण के प्रभाव के संबंध में काफी प्रमाण मिलने पर, नए दिशानिर्देश जारी किये गए जिसके कारण दुनिया का अधिकांश हिस्सा असुरक्षित क्षेत्र के तहत आ गया।
वही स्वच्छ वायु नीतियां जो जीवाश्म ईंधन के उत्सर्जन को घटा सकती हैं और जलवायु परिवर्तन की प्रबलता में सहायता कर सकती है, वह सर्वाधिक प्रदूषित क्षेत्रों के निवासियों के जीवन में पांच वर्षों की बढ़ोतरी कर भी सकती हैं जबकि वैश्विक स्तर पर लोगों के जीवन में औसतन दो वर्षों की वृध्दि कर सकती है।